10 महाकाल की नगरी उज्जैन में घूमने की जगह, खर्च और सही समय ?


यदि आप ujjain me ghumne ki jagah के बारे में जानना चाहते हैं तो ब्लॉक के माध्यम से उज्जैन की अन्य जगह की जानकारी दी जाएगी |

इस ब्लॉग को पढ़ने के बाद आपको उज्जैन में घूमने की जगह के बारे में जानकारी मिल जाएगी ,जिससे आप उज्जैन के धार्मिक और तीर्थ स्थलों का आनंद ले सकते हैं |

  उज्जैन के लोकप्रिय तीर्थ स्थल  (Famous tourist places in ujjain)


मध्य प्रदेश भारत में स्थित उज्जैन जिसे माधवपूरी नाम से भी कहा जाता है | हिंदू धर्म में स्थित स्थलों में से एक महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का महत्वपूर्ण स्थल इस शहर में स्थित है | उज्जैन कुंभ मेले के रूप में भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे हर 12 वर्ष में आयोजित किया जाता है | यहां पर धार्मिक और पौराणिक महत्व के बहुत सारे मंदिर और तीर्थ स्थल है,जो यात्रियों लिए आकर्षण का केंद्र बनते हैं |

     
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    महाकालेश्वर मंदिर

    महाकालेश्वर मंदिर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के उज्जैन शहर में स्थित होने के साथ यह एक प्रमुख हिंदू धार्मिक स्थल है | यह मंदिर भगवान महाकाल को समर्पित एक प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से है | महाकालेश्वर मंदिर कुंभ मेले के समय भी महत्वपूर्ण है | यहां हरिद्वार,नासिक जैसे तीर्थ स्थलों की तरह हजारों लोग की भीड़ होती है | महाशिवरात्रि के दिन, मंदिर के पास एक विशाल मेला लगती है, और रात में पूजा भी होती है |
     

     


     कुंभ मेला


    कुंभ मेला भारत में है हर 12 वर्ष पर आयोजित होने वाला एक महत्वपूर्ण हिंदू तीर्थ स्थल और धार्मिक मेला है यह मेला चार प्रमुख प्रयाग नासिक उज्जैन और हरिद्वार में आयोजित होता है इसे अर्ध कुंभ और महा कुंभ के रूप में भी जाना जाता है ,जो अधिक भाग पर आयोजित होता है | उज्जैन में मेले का आयोजन 2016 में हुआ था और अब इस प्रसिद्ध मेले का आयोजन 2028 मैं किया जाएगा | यह उज्जैन का धार्मिक और काफी प्रसिद्ध मेला भी माना जाता है|
     

     

    काल भैरव मंदिर


    मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर से 8 किलोमीटर दूर शिप्रा नदी के पास स्थित काल भैरव मंदिर भगवान महाकाल को समर्पित है| भगवान काल भैरव का यह मंदिर 6000 वर्ष पुराना यह एक बर मार्गका मंदिर है मार मार मंदिर में मछली बाली जैसे प्रसाद चढ़ाया जाते हैं | प्राचीन समय में जहां सिर्फ तांत्रिक लोगों को जाने की ही अनुमति थी क्योंकि वह लोग वहां तांत्रिक किया करते थे |
      
    अब जाकर यह मंदिर आम लोगों के लिए खोल दिया गया कुछ साल पहले तक यहां जानवरों की बलि दी जाती थी लेकिन अब यह प्रथा रोक दी गई है | यहां भक्तों द्वारा अधिक मात्रा में मदिरा तथा शराब का अभिषेक किया जाता है |




    जंतर मंतर


    उज्जैन में स्थित लगभग सारे जंतर मंतर का निर्माण महाराज सवाई जय सिंह के द्वारा हुआ है | उज्जैन का जंतर मंतर उज्जैन की दिशा निर्देशन के लिए डिजाइन किया गया था जिसका उपयोग तारामंडल सूर्य और चंद्रमा के गति और अन्य खगोलीय को गिनने लिए किया गया था | उज्जैन का जंतर मंतर आज भी प्रमुख पैटर्न स्थल के रूप में महत्वपूर्ण है |वहां के पर्यटक इसकी विशेषता और ऐतिहासिक महोत्सव का आनंद लेते हैं |

     



    राम घाट


    उज्जैन जंक्शन से 3 किमी की दूरी पर, राम घाट मध्य प्रदेश के पवित्र शहर उज्जैन में क्षिप्रा नदी के तट पर एक स्नान घाट है। यह उज्जैन के प्रसिद्ध घाटों में से एक है माना जाता है राम घाट हिंदुओं के लिए अत्यधिक धार्मिक महत्व है,क्योंकि यह उन चार स्थानों में से एक है जहां हर 12 साल में कुंभ मेला लगता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु ने रामघाट पर अमृत की कुछ बूंदें टपकाई थीं। इसे कुंभ समारोह के संबंध में सबसे पुराने स्नान घाटों में से एक माना जाता है।
     
    शाम की क्षिप्रा आरती राम घाट पर सबसे अच्छे आकर्षणों में से एक है। राम मंदिर घाट से सूर्यास्त देखना आपके लिए सबसे मनमोहक दृश्यों में से एक है।



     

    राम जनार्दन मंदिर 



    उज्जैन जंक्शन से 4 किमी की दूरी पर, राम जनार्दन मंदिर मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित एक पवित्र मंदिर है। सांदीपनि आश्रम के पास स्थित, यह उज्जैन के महत्वपूर्ण आकर्षणों में से एक है।17वीं शताब्दी में गठित, उज्जैन में राम जनार्दन मंदिर का निर्माण मिर्जा राजा जयसिंह ने करवाया था। इसमें श्री राम और जनार्दन (विष्णु) के मंदिर हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि यह स्थान एक प्राचीन मंदिर स्थल रहा है क्योंकि वहां स्थापित कई प्रतिमाएं 11वीं और 12वीं शताब्दी की हैं। अठारहवीं शताब्दी के दौरान, मराठों द्वारा मंदिर में कुछ नई संरचनाएँ भी जोड़ी गईं। दीवारों को सजाने वाली भव्य और क्लासिक मराठा पेंटिंग मंदिर की समग्र अपील को बढ़ाती हैं।

     


    गोपाल मंदिर

    उज्जैन जंक्शन से 2 किमी की दूरी पर, गोपाल मंदिर एक हिंदू मंदिर है जो मध्य प्रदेश के पवित्र शहर उज्जैन में स्थित है। हलचल भरे बिग मार्केट स्क्वायर के बीच में स्थित, यह उज्जैन के लोकप्रिय तीर्थ स्थानों में से एक है। गोपाल मंदिर, जिसे द्वारकाधीश मंदिर भी कहा जाता है, भगवान कृष्ण को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण 19वीं सदी में मराठा राजा दौलतराव शिंदे की पत्नी बयाजी बाई शिंदे ने 19वीं सदी में करवाया था। गोपाल मंदिर उज्जैन में महाकालेश्वर के बाद दूसरा सबसे बड़ा मंदिर है। इस मंदिर परिसर में जन्माष्टमी और हरिहर पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। हरिहर पर्व का त्योहार भगवान कृष्ण (हरि) और भगवान शिव (हर) के मिलन का प्रतीक है। भगवान महाकाल आधी रात को भगवान कृष्ण के दर्शन के लिए मंदिर में पहुंचते हैं।

     


    हरसिद्धि मंदिर


    उज्जैन जंक्शन से 3 किमी की दूरी पर, हरसिद्धि मंदिर मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित एक पवित्र हिंदू मंदिर है। महाकाल मंदिर के पास स्थित, यह भारत के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक है, और उज्जैन के लोकप्रिय धार्मिक स्थानों में से एक है। देवी पार्वती को समर्पित, हरसिद्धि मंदिर माता सती के 51 शक्तिपीठों में से एक है। पौराणिक कथा के अनुसार, जब देवी पार्वती यज्ञ अग्नि में गई थीं, तो भगवान शिव ने उनके शरीर को उठाया था और उनकी कोहनी यहां गिरी थी और इस तरह यह मंदिर अस्तित्व में आया। एक बहुत बड़े मंदिर परिसर के केंद्र में मुख्य देवता को गहरे सिन्दूरी रंग से रंगा गया है। पर्यटक देवी अन्नपूर्णा, देवी महालक्ष्मी और देवी महासरस्वती की मूर्तियों के दर्शन भी कर सकते हैं।

     



    शनि मंदिर


    उज्जैन से 8 किलोमीटर की दूरी में देधिया क्षेत्र में स्थित शनि मंदिर जो शिप्रा गंडाकि,सरस्वती नदियों का संगम है । यह मंदिर जो 9 ग्रह को समर्पित है,सूर्य, चंद्रमा, मंगल ,बुध ,गुरु ,शुक्र, राहु , केतु और शनि। हिंदू धर्म में शनि को न्यायाधीश और शिक्षक माना जाता है।

    वह एक शुभचिंतक है और अच्छे कार्यों का पालन करने के लिए समृद्धि और धन देता है और साथ ही बुरे लोगों और गलत कार्यों में लिप्त लोगों को कड़ी सजा देता है। इसलिए लोग किसी अन्य की तुलना में शनि ग्रह की अधिक पूजा करते हैं और उनकी अच्छी पुस्तकों में रहने का प्रयास करते हैं। इस मंदिर के दर्शन के लिए शनिवार का दिन है।

     


    चिंतामणि गणेश मंदिर


    उज्जैन का सबसे प्राचीन मंदिरों में एक माना जाने वाला चिंतामणि गणेश मंदिर है, यह मध्य प्रदेश में सबसे अधिक देखी जाने वाली मंदिरों में से एक है। हिंदी में चिंतामणि का अर्थ है भगवान विष्णु; यह विष्णु का दूसरा नाम होता है। इस मंदिर में भगवान गणेश और भगवान विष्णु की मूर्ति एक साथ रखी जाती है, उसे चिंतामणि मंदिर के रूप में जाना जाता है।

    इसमें भगवान गणेश की विशाल छवि शामिल है और हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार माना जाता है कि भगवान श्री गणेश पृथ्वी पर आया थे और अपने लिये मन्दिर बनाया।

     


    घूमने का सही समय ?

    उज्जैन में घूमने का सही समय मार्च से अप्रैल और अक्टूबर से नवंबर का माना जाता है क्योंकि उज्जैन में गर्मियों के समय काफी गर्मी और सर्दियों के समय काफी सर्दी होती है | मार्च से अप्रैल और अक्टूबर से नवंबर के समय को उज्जैन में घूमने के लिए अनुकूल माना जाता है| जिससे यहां आए गए पर्यटक को किसी भी प्रकार की परेशानी ना उठाना पड़े |


    उज्जैन घूमने का खर्च ?

    किसी भी जगह घूमने से पहले आप अपनी लोकेशन से घूमने जाने वाली की जगह के लोकेशन की दूरी के बारे में पता करेंगे,उसी के आधार पर आपको खर्च का पता चलता है| उज्जैन में रुकने और खाने के लिए ज्यादा खर्च नहीं होती है| यहां आप 500 से लेकर 10000 तक आराम से किसी भी होटल में रूम लेकर रुक सकते हैं और यहां खाने के लिए आपको 100 से 300 तक की प्रति प्लेट रेट देनी पर सकती है |

    इसके अलावा यदि आप उज्जैन में 5 से 7 दिनों के लिए रुकने की सोच रहे हो तो आपको अधिक भी खर्च भी लग सकती है 

    उज्जैन में रहने के लिए 10 होटल ?

    • होटल महाकाल विश्राम
    • नैन गेस्ट हाउस
    • महाकाल होम गेस्ट हाउस
    • शिवांश गेस्ट हाउस
    • उज्जैन यात्री निवास होटल
    • जय श्री महाकाल गेस्ट हाउस
    • मां यात्री निवास
    • होटल सूर्या
    • अग्रवाल गेस्ट हाउस
    • गोपुरम तिवारी धर्मशाला

    FAQ:-



    उज्जैन किसका मंदिर है?
    उज्जैन महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का मंदिर है |


    उज्जैन में खाने में क्या मशहूर है?
    उज्जैन में खाने में दाल बाफला काफी मशहूर है|


    उज्जैन कब जाना चाहिए?
    उज्जैन मार्च अप्रैल और अक्टूबर से नवंबर के महीने में जाना चाहिए|


    उज्जैन में रात क्यों नहीं रह सकते हैं?
    मंदिर से जुड़े रहस्य के मुताबिक राजा भोज के समय से ही यह मान्यता चली आ रही है कि उज्जैन के रात में विश्राम नहीं किया जाता है यदि कोई उज्जैन में रात के समय विश्राम करता है तो उसका परिणाम उसे भुगतना पड़ता है|


    लोग उज्जैन क्यों जाते हैं?
    लोक उज्जैन अपनी धार्मिक मनोकामना पूरी करने और यहां के प्रसिद्ध महाकाल मंदिर और यहां होने वाला कुंभ मेला देखने जाते हैं |



    निश्कर्ष:-

    इस लेख में ujjain me ghumne ki jagah के बारे में बताया गया है। इसके साथ ही महाकाल की नगरी उज्जैन मे घूमने का सही समय और खर्च रहने की जगह के बारे में बताया गया है।

    इस लेख को पढ़ने के बाद आपको ujjain me ghumne ki jagah के बारे मे काफी जानकारी मिली होगी। यदि यह जानकारी आपको अच्छी लगी हो तो उन लोगो को जरूर शेयर करें जो उज्जैन घूमने जाने की सोच रहे हैं, या भविष्य में उज्जैन घूमने चाहते हैं।

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